जब भी बजट पेश किया जाता है तो सबके जेहन में एक ही बात होती है. वो यह है कि सरकार ने क्या मंहगा और क्या सस्ता किया है. आइए जानते हैं कि इस बार सरकार ने क्या महंगा और क्या सस्ता किया है. इस बार सरकार ने बहुत ही कम वस्तुओं के दाम बढ़ाए या घटाएं हैं. सोना-चांदी, लेदर, बर्तन के सामान पहले की अपेक्षा में अब सस्ते होंगे, तो वहीं इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स, सोलर इनवर्टर और गाड़ियां मंहगी होंगी.
महंगा-
सोलर इनर्वटर पर कस्टम ड्यूटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. पेट्रोल-डीजल अब और महंगा होगा. फार्म सेस की वजह से पेट्रोल 4 रुपये और डीजल तकरीबन ढाई रुपये महंगा होगा. कॉटन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दी गई है.
सस्ता-
सोने-चांदी पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5% कम किया गया है. अब ज्वैलरी पहले की अपेक्षा सस्ती होगी. स्टील प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5% कम की गई है. तांबे पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5% घटाई गई है. कुछ लेदर प्रोडक्ट पर से कस्टम ड्यूटी हटा लिया गया है. इससे लेदर के प्रोडक्ट सस्ते होंगे. कॉपर पर 2.5 प्रतिशत और नाफ्टा पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है.
Gold and silver presently attract a basic customs duty of 12.5%. Since the duty was raised from 10% in July 2019, prices of precious metals have risen sharply. To bring it closer to previous levels, we are rationalizing custom duty on gold and silver: FM Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/DuaVxKyiFy
— ANI (@ANI) February 1, 2021
मोबाइल क्षेत्र-
साल 2017 में GST के आने के बाद सामान और सर्विसेज के दामों का बढ़ना-घटना बहुत हद तक कम हो गया है. अब 90 प्रतिशत चीजों की कीमतें GST के अंदर आती है. लेकिन विदेश से मंगाई जाने वाली वस्तुओं पर निर्यात शुल्क लगता है और इसके घटने और बढ़ने की घोषणा बजट में की जाती है. इसलिए पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी, शराब, फुटवियर, सोना-चांदी, इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट्स, मोबाइल, कैमिकल, कारें, आदि पर लगने वाला कस्टम टैक्स की घोषणा की जाती है.
इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ चुनिंदा ऑटो पार्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दी है. मोबाइल फोन के चार्जर और हेडफोन पर इंपोर्ट ड्यूटी को 2.5% तक बढ़ा दिया गया है.
सरकार ने 4 साल में मोबाइल फोन से जुड़े समानों पर लगभग 10 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है. इससे देश में प्रोडक्शन लगभग तीन गुना बढ़ा है. साल 2017 तक भारत में लगभग 18,900 करोड़ रुपये के फोन बनते थे. तो वहीं साल 2019-20 में 1.7 लाख करोड़ रुपये के फोन बनने लगे.
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अनुसार भारत में हर साल 35 करोड़ मोबाइल फोन बन रहे थे. भारत में मोबाइल फोन प्रोडक्शन की यूनिट 268 हैं. इन यूनिट्स की बदौलत भारत में 6.7 लाख लोगों को नौकरी मिली हुई है.