उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती आज अपना 65वां जन्मदिन मना रही हैं. मायावती ने आज अपने जन्मदिन पर ऐलान किया कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की आगामी विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. बहुजन समाज पार्टी, विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेगी. उन्होंने आगे कहा कि आगामी चुनाव में बसपा की जीत तय है. कोरोना के कारण मायावती इस बार अपना जन्मदिन सादगी से मना रही हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने अपने जन्मदिन के अवसर पर अपनी आत्मकथा का हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में विमोचन किया.
BSP will not forge any alliance with any political party for the upcoming Assembly elections in Uttar Pradesh and Uttarakhand. The party will contest the elections in all Assembly constituencies on its own: BSP chief Mayawati pic.twitter.com/ZvAMgCIKmN
— ANI (@ANI) January 15, 2021
मायावती का जन्म 15 जनवरी साल 1956 को हुआ था. मायावती के पिता का नाम प्रभु दयाल था. इनके पिता गौतम बुद्ध नगर स्थित डाकघर में कर्मचारी थे. मायावती के 6 भाई और 2 बहनें हैं. मायावती ने साल 1976 में मेरठ विश्वविद्यालय से बी.एड और साल 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एल एल बी की पढ़ाई पूरी की.
राजनीतिक जीवन-
साल 1977 में जाने-माने दलित नेता कांशीराम मायावती के घर आए. मायावती की बातों और विचारों से प्रभावित होकर कांशीराम ने मायावती को राजनीति में आने की सलाह दी. साल 1984 में कांशीराम ने बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की. कांशीराम ने अपने पार्टी में मायावती को सदस्य के रूप में शामिल किया.
मायावती साल 1989 में 9वीं लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंची थी. लोकसभा में मायावती ने बिजनौर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. इसके बाद साल 1994 में मायावती पहली बार राज्यसभा पहुंची थी.
साल 1995 में मायावती पहली बार यूपी की सीएम बनीं. वो पहली दलित महिला थीं इस पद पर पहुंचीं थीं. इसके बाद इन्होंने साल 1997, 2002 और 2007 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. साल 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मायावती को समाजवादी पार्टी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा- बसपा ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था पर ये गठबंधन मायावती को घाटे का सौदा साबित हुआ था.